एप्पल अब ऐसी टेक्नीक पर काम कर रहा है, जिससे आपके फोन को अनलॉक करने के लिए फिंगर प्रिंट की जरूरत नहीं होगी। यह चेहरा देखकर ही खुल जाया करेगा।
इसका रीडिजाइन आईफोन अगले साल से बिक्री के लिए बाजार में मुहैया होगा। एपल उस सिक्योरिटी सिस्टम को भी सुधारने के लिए काम कर रहा है, जिससे यूजर लॉगइन करने, पेमेंट करने और सिक्योर एप्स को लॉन्च करने के लिए अपने चेहरे को स्कैन करेंगे।
यह एक नए 3-डी सेंसर द्वारा संचालित होगा। यह जानकारी अपनी पहचान जाहिर न करने के अनुरोध पर उन लोगों ने दी, जो इसके डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं। कंपनी प्रणाली को और सुरक्षित बनाने के लिए आंखों की स्कैनिंग पर भी काम कर रही है। सेंसर की स्पीड और एक्युरेसी इस फीचर के फोकस पर हैं। यह यूजर के चेहरे को स्कैन कर चंद सेकंड में ही फोन को अनलॉक कर देगा। यह इस तरह से डेवलप किया जा रहा है कि यदि फोन फ्लैट टेबल पर भी रखा हो, तो यह काम कर सके। फोन को अनलॉक करने के लिए चेहरे के करीब लाने की जरूरत नहीं हो।
इस फीचर पर अभी भी काम चल रहा है और नई उम्मीद की जा रही है कि इसे टच आईडी फिंगर स्कैनर से बदल दिया जाए। हालांकि, इस मामले में टिप्पणी करने से एप्पल के प्रवक्ता ने इंकार कर दिया। परीक्षण में चेहरे से फोन के अनलॉक करने की सुविधा को लाने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैन से अधिक डाटा प्वाइंट्स लगाने होंगे। इससे यह डिवाइस टच आईडी सिस्टम की तुलना में अधिक सुरक्षित हो जाएगी।
गौरतलब है कि एप्पल ने साल 2013 में फोन को अनलॉक करने के लिए टच आईडी को आईफोन 5 एस के साथ पेश किया था। इसके एक साल बाद उसने भुगतान करने और एप्स को लॉगइन करने के लिए इस फीचर को जोड़ा था। अलग-अलग बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करने वाली एपल अकेली कंपनी नहीं है। सैमसंग ने अपने लेटेस्ट फोन में आयरिस स्कैनर दिया था, जिससे यूजर फोन को अनलॉक कर सकता है और पेमेंट्स करने के लिए आंखों की स्कैनिंग कर सकता है।
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