ऐंड्रॉयड फोन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। बीते साल 'कॉपीकैट' मालवेअर 14 मिलियन (14000000) से ज्यादा ऐंड्रॉयड डिवाइसेज को निशाना बना चुका है। इनमें से 80 लाख से ज्यादा डिवाइसेज से हैकर्स 1.5 मिलियन डॉलर्स (96900000 रुपये) कमा चुके हैं।यह कमाई फर्जी ऐड रेवन्यू के जरिए 2 महीने में हुई है। इस डेटा का खुलासा इजरायल स्थित आईटी सिक्यॉरिटी प्रोवाइडर चेक पॉइंट ने किया है। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से बताया कि इस मॉलवेअर ने खासतौर पर साउथईस्ट एशिया के यूजर्स को प्रभावित किया है, इनमें 2,80,000 ऐंड्रॉयड यूजर्स के हैं।
ब्लॉग में कहा गया, अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस कॉपीकैट के पीछे कौन है, लेकिन चीन के ऐड नेटवर्क मोबीसमर शक के दायरे में है। यह मॉलवेअर चीनी डिवाइसेज पर अटैक करने से बचता है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह खेल किसी चीनी मालवेअर डिवेलपर ने किया है। चेकपॉइंट ने गूगल को इसककी जानकारी दे दी है। ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कॉपीकैट गूगल प्लेस्टोर के जरिए फैला हो।
चेकपॉइंट के मुताबिक, कॉपीकैट से प्रभावित हुईं डिवाइसेज आज भी इस मॉलवेअर की चपेट में आ सकती हैं। ऐड फ्रॉड करने के लिए कॉपीकैट आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कॉपीकैट पहले यूजर्स की डिवाइसेज पर अपनी जड़ें जमा लेता है, फिर यह अटैकर्स के हाथ में डिवाइस का फुल कंट्रोल दे देता है व यूजर चाहते हुए भी अपनी डिवाइस बचा नहीं पाता है। आपको बता दें कि अप्रैल व मई 2016 के बीच कॉपीकैट कैंपेन को खूब बल मिला था।
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